Shri krishana sad

Shri krishana sad

23 days ago
1
Total Use
0
Total Share
0
Total Likes
0
Total Saved
Use Voice

Description

N/A

hi
Samples
1
Default Sample
जैसे दीपक की लौ हवा में डगमगाती है, वैसे ही हमारा मन विचारों से चंचल होता है। इसलिए ध्यान रूपी छत्र से मन को ढकना पड़ता है। नियमित अभ्यास से ही मन स्थिर होता है, और तभी आत्मज्ञान का प्रकाश मिलता है।