Chandrachurna yadav

Chandrachurna yadav

1 个月前
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“27 मई 2025… आईपीएल-25 का आख़िरी लीग मुक़ाबला… रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु बनाम लखनऊ सुपर जायंट्स… और रात ने लिखी ऐसी कहानी जिसे क्रिकेट जगत कभी नहीं भूलने वाला। टॉस RCB ने जीता—और विराट कोहली ने बॉल थमाई अपने गेंदबाज़ों के हाथ, एक ही इरादा… LSG को रोकना। लेकिन सामने थे कप्तान ऋषभ पंत! चोट और आलोचनाओं के बाद आज वो अलग ही रंग में थे। पहली ही ओवर से बल्ला बोल पड़ा—कट, पुल, रैम्प, स्लॉग… हर शॉट पर बिजली कड़क रही थी। 61 गेंदों पर 118 रन—और सेंचुरी के बाद वो बैक-फ़्लिप! पूरा इकाना स्टेडियम शोर से दहल उठा। LSG ने बोर्ड पर 227/3 टाँक दिए। कमेंट्री बॉक्स में आवाज़ गूँज रही थी—‘ये टार्गेट, शायद पास न हो पाए।’ लेकिन ज़मीन पर उतरी RCB के पास था जवाब—विराट कोहली। क्रीज़ पर कदम रखते ही पहली गेंद चौके के पार! 30 गेंदों में 54 रन; रन-चेज़ के लिए नींव पक्की। पर असली तूफ़ान अभी बाकी था… 33वें ओवर की शुरुआत में जब विराट पवेलियन लौटे, दर्शक सांस रोक चुके थे। क्रीज़ पर आए बिना शोर-शराबे वाली एक शांत-सी शख़्सियत—जितेश शर्मा। देखते-देखते हालात बदल गए—कवर पर फ्लैट छक्का, मिडविकेट से मिसाइल, पॉइंट के ऊपर से चौका। जितेश ने 33 गेंदों में ठोक डाले 85* रन—6 चौके, 7 लंबे छक्के। 18वाँ ओवर… अकेले 22 रन! गेंदबाज़ स्तब्ध, डग-आउट में कोहली उछल पड़े। 18.4 ओवर—गेंद सीमा रेखा से पार, RCB का स्कोर 230/4… मैच ख़त्म! इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा रन-चेज़, और प्ले-ऑफ़ टिकट पक्की। पंत का धमाकेदार शतक चमका जरूर—but नतीजा न बदल सका। आज की रात का हीरो बना एक ही नाम—जितेश शर्मा, मैन ऑफ द मैच। क्रिकेट ने फिर समझाया—टॉस हो, टैलेंट हो या रिकॉर्ड… फ़ैसला आख़िरी गेंद तक टलता है। और जब तक आख़िरी रन न बने—खेल ख़त्म नहीं होता!”

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हाय गाइस, वेलकम बैक टू मा ब्लॉग। आज हम लोग मार्केट में घूमने आए हैं और यहाँ का फूड बहुत मस्त है। मैंने अभी-अभी एक नया रेस्टोरेंट डिस्कवर किया है, चलो आपको दिखाता हूं। साथ में मेरे फ्रेंड्स भी हैं और हम लोग फुल मज़े कर रहे हैं।